गुलजार की शायरी | 100 Best Gulzar Shayari in Hindi With Images 2023
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👉 Top Gulzar Shayari in Hindi For Facebook 2023
एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद,
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं।
कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,
आज की दास्ताँ हमारी है।
महदूद हैं दुआएँ मेरे अख्तियार में,
हर साँस हो सुकून की तू सौ बरस जिये।
अपने साए से चौंक जाते हैं,
उम्र गुज़री है इस क़दर तन्हा।
तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे।
ग़म मौत का नहीं है,
ग़म ये के आखिरी वक़्त भी,
तू मेरे घर नहीं है।
इस दिल का कहा मनो एक काम कर दो,
एक बे-नाम सी मोहब्बत मेरे नाम करदो।
एक सो सोलह चाँद की रातें ,
एक तुम्हारे कंधे का तिल।
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं,
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं।
ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की,
और कहना कि।
कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश,
उनके आँचल का इंतज़ार करती है।
पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।
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👉 Gulzar Shayari in Hindi 2 Lines
आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ऐतबार किया।
मानता हूँ मुश्किल हैं,
लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ।
सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की,
मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर,
कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया।
दर्द हल्का है साँस भारी है,
जिए जाने की रस्म जारी है।
कुछ लोगों ने रंग लूट लिए शहर में इस के,
जंगल से जो निकली थी वो रंगीन थी बारिश।
बेहिसाब हसरते ना पालिये,
जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
एक सो सोलह चाँद की रातें
एक तुम्हारे कंधे का तिल
गीली मेहँदी की खुश्बू
झूठ मूठ के वादे
सब याद करादो, सब भिजवा दो
मेरा वो सामान लौटा दो।
ना दूर रहने से रिश्ते टूट जाते हैं
ना पास रहने से जुड़ जाते हैं
यह तो एहसास के पक्के धागे हैं
जो याद करने से और मजबूत हो जाते हैं।
देखो, आहिस्ता चलो, और भी आहिस्ता ज़रा
देखना, सोच-सँभल कर ज़रा पाँव रखना,
ज़ोर से बज न उठे पैरों की आवाज़ कहीं.
काँच के ख़्वाब हैं बिखरे हुए तन्हाई में,
ख़्वाब टूटे न कोई, जाग न जाये देखो,
जाग जायेगा कोई ख़्वाब तो मर जाएगा।
👉 गुलज़ार दर्द शायरी
कहू क्या वो बड़ी मासूमियत से पूछ बैठे है,
क्या सचमुच दिल के मारों को बड़ी तकलीफ़ होती है
तुम्हारा क्या तुम्हें तो राहे दे देते हैं काँटे भी,
मगर हम खांकसारों को बड़ी तकलीफ़ होती है।
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तेरी यादों के जो आखिरी थे निशान,
दिल तड़पता रहा, हम मिटाते रहे…
ख़त लिखे थे जो तुमने कभी प्यार में,
उसको पढते रहे और जलाते रहे।
मैंने दबी आवाज़ में पूछा – “मुहब्बत करने लगी हो?”
नज़रें झुका कर वो बोली – “बहुत
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ऐ हवा उनको कर दे खबर मेरी मौत की और कहना कि
कफ़न की ख्वाहिश में मेरी लाश
उनके आँचल का इंतज़ार करती है।
बहुत मुश्किल से करता हूँ,
तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है,
पर गुज़ारा हो ही जाता है।
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ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में,
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।
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मैं दिया हूँ
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
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बिगड़ैल हैं ये यादे
देर रात को टहलने निकलती हैं।
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टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ
में फिर से निखार जाना चाहता हूँ
मानता हूँ मुश्किल हैं
लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ।
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समेट लो इन नाजुक पलो को
ना जाने ये लम्हे हो ना हो
हो भी ये लम्हे क्या मालूम शामिल
उन पलो में हम हो ना हो।
👉 गुलज़ार लव शायरी इन हिंदी
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया।
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आओ तुमको उठा लूँ कंधों पर
तुम उचकाकर शरीर होठों से चूम लेना
चूम लेना ये चाँद का माथा
आज की रात देखा ना तुमने
कैसे झुक-झुक के कोहनियों के बल
चाँद इतना करीब आया है।
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सूरज झांक के देख रहा था खिड़की से
एक किरण झुमके पर आकर बैठी थी,
और रुख़सार को चूमने वाली थी कि
तुम मुंह मोड़कर चल दीं और बेचारी किरण
फ़र्श पर गिरके चूर हुईं
थोड़ी देर, ज़रा सा और वहीं रूकतीं तो
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बीच आसमाँ में था
बात करते- करते ही
चांद इस तरह बुझा
जैसे फूंक से दिया
देखो तुम
इतनी लम्बी सांस मत लिया करो।
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आदमी बुलबुला है पानी का
और पानी की बहती सतह पर टूटता भी है, डूबता भी है,
फिर उभरता है, फिर से बहता है,
न समंदर निगला सका इसको, न तवारीख़ तोड़ पाई है,
वक्त की मौज पर सदा बहता आदमी बुलबुला है पानी का।
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कोई ख़ामोश ज़ख़्म लगती है,
ज़िंदगी एक नज़्म लगती है।
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सामने आया मेरे, देखा भी, बात भी की
मुस्कुराए भी किसी पहचान की खातिर
कल का अखबार था, बस देख लिया, रख भी दिया।
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बेहिसाब हसरते ना पालिये
जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
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आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ए’तिबार किया।
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छोटा सा साया था, आँखों में आया था
हमने दो बूंदों से मन भर लिया।
👉 गुलजार की शायरी जिंदगी
लकीरें हैं तो रहने दो
किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खींच दी थी
उन्ही को अब बनाओ पाला, और आओ कबड्डी खेलते हैं।
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रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो,
दिन की चादर अभी उतारी है।
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एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा
हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
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हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
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शोर की तो उम्र होती हैं
ख़ामोशी तो सदाबहार होती हैं।
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तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।
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किसी पर मर जाने से होती हैं मोहब्बत,
इश्क जिंदा लोगों के बस का नहीं।
-
कैसे करें हम ख़ुद को
तेरे प्यार के काबिल,
जब हम बदलते हैं,
तो तुम शर्ते बदल देते हो।
-
शायर बनना बहुत आसान हैं
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
-
ज्यादा कुछ नहीं बदलता उम्र के साथ,
बस बचपन की जिद्द समझौतों में बदल जाती हैं।
👉 दोस्ती पर गुलज़ार की शायरी
कुछ बातें तब तक समझ में नहीं आती
जब तक ख़ुद पर ना गुजरे।
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तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
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एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं।
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मैं दिया हूँ
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
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छोटा सा साया था, आँखों में आया था,
हमने दो बूंदों से मन भर लिया।
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सुनो…
जब कभी देख लुं तुमको
तो मुझे महसूस होता है कि
दुनिया खूबसूरत है।
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बहुत छाले हैं उसके पैरों में
कमबख्त उसूलो पर चल होगा।
-
वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है।
-
बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती।
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मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
👉 गुलजार शायरी स्टेटस डाउनलोड
मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिए
तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं
जो मैं हूं।
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थोड़ा सा रफू करके देखिए ना
फिर से नई सी लगेगी
जिंदगी ही तो है।
-
इतना क्यों सिखाई जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां।
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बिगड़ैल हैं ये यादे,
देर रात को टहलने निकलती हैं।
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सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
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मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
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“कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की।”
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“आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है।”
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“गजब है इश्क़-ऐ-दस्तूर
साथ थे तो एक लफ़्ज़
ना निकला लवों से मेरे
दूर क्या हुए कलम ने
कहर मचा रखा है।”
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“कौन कहता है
हम झूट नहीं बोलते
एक बार खैरियत
पूछ कर तो देखिये।”
👉 गुलज़ार एक अहसास
हाथ छुटे तो भी रिश्ते नहीं छोड़ा करते,
वक़्त की शाख से रिश्ते नहीं तोड़ा करते।
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वो चीज जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख कर कहीं।
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जिस की आंखों में कटी थीं सदियां
उस ने सदियों की जुदाई दी है।
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दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई।
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दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई,
जैसे एहसान उतारता है कोई।
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कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था
आज की दास्ताँ हमारी है।
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हम अपनों से परखे गए हैं कुछ गैरों की तरह,
हर कोई बदलता ही गया हमें शहरों की तरह।
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काँच के पीछे चाँद भी था और काँच के ऊपर काई भी
तीनों थे हम, वो भी थे और मैं भी था तन्हाई भी।
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यूँ तो हम अपने आप में गुम थे
सच तो ये है की वहां भी तुम थे।
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बिगड़ैल हैं ये यादे,
देर रात को टहलने निकलती हैं।
👉 गुलज़ार शायरी इन हिंदी पीडीएफ
कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।
मैं दिया हूँ! मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं,
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं।
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मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?
नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।
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बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती।
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मेरी ख़ामोशी में सन्नाटा भी है, शौर भी है
तूने देखा ही नहीं आँखों में कुछ और भी है।
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अच्छी किताबें और अच्छे लोग, तुरंत समझ में नहीं आते,
उन्हें पढना पड़ता हैं।
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कुछ अलग करना हो तो भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं मगर पहचान छिन लेती हैं।
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आप के बाद हर घड़ी हम ने,
आप के साथ ही गुज़ारी है।
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अपने साये से चौक जाते हैं हम,
उम्र गुजरी है इस कदर तनहा।
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फिर वहीं लौट के जाना होगा
यार ने कैसी रिहाई दी है।
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ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।
👉 Gulzar Quotes in Hindi
मैं चुप कराता हूं हर शब उमड़ती बारिश को
मगर ये रोज़ गई बात छेड़ देती है।
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तन्हाई अच्छी लगती है
सवाल तो बहुत करती पर,
जवाब के लिए
ज़िद नहीं करती।
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बेतअल्लुक़ ज़िंदगी अच्छी नहीं
ज़िंदगी क्या मौत भी अच्छी नहीं।
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हम ने अक्सर तुम्हारी राहों में,
रुक कर अपना ही इंतिज़ार किया।
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आइना देख कर तसल्ली हुई,
हम को इस घर में जानता है कोई।
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मिलता तो बहुत कुछ है इस ज़िन्दगी में,
बस हम गिनती उसी की करते है जो हासिल ना हो सका।
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दिल अगर है तो दर्द भी होगा,
इसका शायद कोई हल नहीं।
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एक खूबसूरत सा रिश्ता खत्म हो गया
हम दोस्ती निभाते रहे और उसे इश्क़ हो गया।
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एक खूबसूरत सा रिश्ता खत्म हो गया
हम दोस्ती निभाते रहे और उसे इश्क़ हो गया।
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कुछ अधूरे से लग रहे हो आज,
लगता है किसी की कमी सी है।
👉 Gulzar Status in Hindi
धागे बड़े कमजोर चुन लेते हैं हम,
और फिर पूरी उम्र गांठ बांधने में ही निकल जाती है।
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रिश्तों की अहमियत समझा करो जनाब
इन्हे जताया नहीं निभाया जाता है।
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कुछ रिश्तों में मुनाफा नहीं होता,
लेकिन ज़िन्दगी को अमीर बना देते हैं।
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सफल रिश्तों के बस यही उसूल है,
बातें भूलिए जो फिजूल है।
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कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ,
किसी की आँख में हम को भी इंतज़ार दिखे।
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मौसम का गुरुर तो देखो,
तुमसे मिल के आया हो जैसे।
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नज़र झुका के उठाई थी जैसे पहली बार,
फिर एक बार तो देखो मुझे उसी नज़र से।
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यूँ तो रौनकें गुलज़ार थी महफ़िल, उस रोज़ हसीं चहरों से
जाने कैसे उस पर्दानशी की मासूमियत पर हमारी धड़कने आ गई।
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उस उम्र से हमने तुमको चाहा है,
जिस उम्र में हम जिस्म से वाकिफ ना थे।
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ये इश्क़ मोहब्बत की रिवायत भी अजीब है
पाया नहीं है जिसको उसे खोना भी नहीं चाहते।
👉 Gulzar Lines in Hindi
इश्क़ में जलते हुए साँस तेजबी लगे
राज़ खुलता ही नहीं कोई तो चाबी लगे।
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सुनो, ज़रा रास्ता तो बताना
मोहब्बत के सफ़र से वापसी है मेरी।
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मोहब्बत ज़िन्दगी बदल देती है,
मिल जाए तब भी और ना मिले तब भी।
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कोई पूछ रहा है मुझसे अब मेरी ज़िन्दगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है हल्का सा मुस्कुराना तुम्हारा।
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तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं,
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।
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वो चीज जिसे दिल कहते हैं,
हम भूल गए हैं रख कर कहीं।।
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इतने लोगों में कह दो अपनी आँखों से,
इतना ऊँचा न ऐसे बोला करे, लोग मेरा नाम जान जाते हैं।
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बहुत मुश्किल से करता हूँ तेरी यादों का कारोबार,
मुनाफा कम है लेकिन गुज़ारा हो ही जाता है।
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महफ़िल में गले मिलकर वह धीरे से कह गए,
यह दुनिया की रस्म है, इसे मुहोब्बत मत समझ लेना।
-
कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ
उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की।
👉 Gulzar Shayari On Life
छू न पाया मेरे अंदर की उदासी को कोई
मेरे चेहरे ने इतनी अच्छी अदाकारी की है
-
चाहते है वो हर रोज़ एक नया चाहने वाला
ए खुदा मुझे हर रोज़ एक नई सूरत दे दे
-
ये लाइन बोलकर पता नहीं
कितने लोग धोखा दे देते है
-
जिस दिन उस पर
दिल आया था
उस दिन मौत आ जाती
तो ज़्यादा अच्छा था
-
निकाल देते है औरों में ऐब जैसे खुद नेकियों के नवाब है
अपने गुनाहो पर डाल कर पर्दा कहते है ज़माना खराब है
-
कितने अजीब होते है ये मोहब्बत के रिवाज़ भी
लोग आप से तुम , तुम से जान और जान से अनजान बन जा
-
एक वक़्त के बाद
हर कोई गैर हो जाता है,
उम्र भर किसी को अपना
समझना एक वहम है
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मेरे तो दर्द भी औरों के काम आते है
मै रो पढू तो कई लोग मुसकुराते है
-
ना मांग कुछ ज़माने से ये देकर फिर सुनाते है
किया एहसान जो एक बार वो लाख बार जताते है
-
ख्वाहिश तो न थी किसी से
दिल लगाने की
पर किस्मत में दर्द लिखा हो
तो मोहब्बत कैसे न होती।
👉 Gulzar Shayari On Love
हम अफ़सोस क्यों करे की कोई हमे ना मिला
अफ़सोस तो वो करे जिन्हे हम ना मिले
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चाहने वालो को नहीं मिलते चाहने वाले
हमने हर दगाबाज़ के साथ सनम देखा है
-
मोहब्बत की है तुम से,
बेफिक्र रहो,
नाराज़गी हो सकती है,
पर नफ़रत कभी नहीं होंगी
-
बस यही “दौड़” है इस दौर के इंसानो की
तेरी दीवार से ऊँची मेरी दीवार बने
-
मै तुझे बार बार इसलिए समझता हूँ
तुझे टुटा हुआ देखकर मै खुद भी टूट जाता हूँ
-
एक दिन तुम मुझे
इसलिए भी खो दोगे कि
हमारी रोज़ बात नहीं होती
-
एक शख्स जो इतना सताता है
सुकून भी न जाने क्यों उसी के पास आता है
-
ज़रा सी बात पर शौक करना मेरी आदत नहीं
गहरी जड़ का बरगद हूँ दीवार पर ऊगा पीपल नहीं
-
जिस्म से होने वाली मोहब्बत का
इज़हार आसान होता है…
रूह से हुई मोहब्बत समझने में
ज़िन्दगी गुज़र जाती है
-
कुछ तो बात है मोहब्बत में
वरना एक लाश के लिए
कोई ताज महल नहीं बनता
👉 Gulzar Shayari On Life in Hindi
बस यही “दौड़” है इस दौर के इंसानो की
तेरी दीवार से ऊँची मेरी दीवार बने
-
हमने कहा उनसे
हम बहुत रोते हैं तुम्हारे लिए,
वो बोले रोते तो सब हैं
तो हम क्या सबके हो जाए
-
इस दौर के लोगो में वफ़ा ढूंढ रहे हो
बड़े नादान हो साहब
ज़हर की शीशी में दवा ढूंढ रहे हो
-
यही तो ज़माने का उसूल है
जरुरत हो तो खुदा
वरना बंदा फ़िज़ूल है
-
गलती बस एक ही हुई
मुझसे ज़िंदगी में..
जिसने मुड़कर भी ना देखा,
मैंने उसका इंतज़ार किया
-
तुम बदले तो हम भी कहाँ पुराने से रहे
तुम आने से रहे तो हम भी बुलाने से रहे
-
इंसान यूं ही नहीं मतलबी कहा जाता है
उसे अपने सुख से ज़यादा, दूसरे के दुःख में मज़ा आता है
-
हमें भी सीखा दो
यूँ भूल जाने का हुनर
अब हमसे रातों को
उठ उठ कर रोया नहीं जाता
-
कौन देता है उम्र भर का साथ
लोग जनाज़े में भी कंधा बदलते है
-
कभी कभी उनसे भी दूर होना पड़ता है
जिनके साथ हम ज़िंदगी गुज़ारना चाहते थे
👉 Gulzar Sad Shayari
हर तरीका आज़मा चुका हूँ
तुम्हें मनाने का,
कहाँ से सीख के आये हो
ये अंदाज रूठ जाने का
-
धागे बड़े कमज़ोर चुन लेते है हम,
और फिर पूरी उम्र
गांठ बांधने में निकल जाती है
-
जो सबके ही करीब हो,
उसको पाकर कोई कैसे
खुशनसीब हो
-
बिछड़ते वक़्त मेरे सारे ऐब गिनाये उसने
सोचता हूँ जब मिला था तब कोन सा हुनर था मुझमे
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इश्क़ की अपनी ही बचकानी ज़िद होती है
चुप करवाने के लिए भी वही चाहिए जो रुलाकर गया है
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खामोशियां भी रिश्ते खा जाती है
थोड़ा ही साही ताल्लुक़ जिंदा रखिये
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कभी घमंड ना करना
अपनी मोहब्बत पे,
तुम से बेहतर मिलने पर
तुम ठकरा दिए जाओगे
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सोचकर बाजार गया था अपने कुछ आंसू बेचने
हर खरीददार बोला अपनों के दिए तोफे बेचा नहीं करते
-
मुझे लगता था उसे मुझसे मोहब्बत है
कहा न लगता था
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सभी के नाम पर नहीं रूकती धड़कने
दिलो के भी कुछ उसूल हुआ करते है
👉 Gulzar Ki Shayari in Hindi
ज़माने की तो फ़ितरत ही है
बातों से मुकर जाना…
हम ही पागल थे जो
वादों पर ऐतबार किया करते थे
-
वो सफर बचपन के अब तक याद आते है मुझे
सुबह जाना हो कहीं, तो रात भर सोते न थे
-
मोहब्बत और वफ़ा गयी तेल लेने
पहले ये बताओ की कश्ती वहां कैसे डूबी
जहां पानी कम था
-
कर दिया आजाद उनको
जो दिल में हमारे रहकर,
ख्वाब किसी और के देखते थे
-
नासमझ है वो अभी मेरी बात नहीं समझेगा
मेरी जगह नहीं है न मेरे हालात नहीं समझेगा
-
तुम बदले तो हम भी कहाँ पुराने से रहे
तुम आने से रहे तो हम भी बुलाने से रहे
-
कभी कभी की मुलाकात अच्छी है
कदर खो देता है हर रोज़ का आना जाना
-
इतने बेवफा नहीं हैं
जो तुम्हें भुल जाएंगे,
अक्सर चुप रहने वाले
प्यार बहुत करते है
-
पतझड़ में सिर्फ पत्ते गिरते है
नज़रो से गिरने का कोई मौसम नहीं होता
-
मेरी तो खुद की किस्मत साथ नहीं देती
तुम तो “खैर” तुम हो
👉 Gulzar Sahab Ki Shayari
मुद्द्ते गुज़र गयी हिसाब नहीं किया
न जाने अब किसके कितने रह गए है हम
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बातें तो सिर्फ जज़्बातों
की है वरना मोहब्बत तो
सात फेरो के बाद भी नहीं होती
-
सुनाऊ क्या? किस्सा थोड़ा अजीब है,
जिसने खंज़र मारा है वही दिल के करीब है
-
दर्द को छोड़ कर हार में तू राज़ी है
भूल रहा तेरे हाथो में अभी बाज़ी है
-
उसने ये सोचकर मुझे अलविदा कह दिया
की गरीब है मोहब्बत के सिवा क्या देगा
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फितरत में ही नहीं है
हर किसी का हो जाना,
वरना न प्यार कि कमी थी
न प्यार करने वालों की
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लोगो को हद से जयादा इज़्ज़त और भरोसा दोगे
वो उठाकर आपके मुँह पर बेइज़्ज़ती और धोखा ही मरेगा
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उसको दुःख ही नहीं जुदाई का
बस ये दुःख ही खा गया मुझको
-
लिहाज़ नहीं रखते हम संस्कारो का
लहजा बदल जाये अगर बात करने वालो का
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मोहब्बत क्या है उस
शख़्श से पूछो,
जिसने दिल टूटने के बाद भी
इंतेज़ार किया हो
👉 Gulzar Poetry On Life in Hindi
गैर क्यों ले जा रहे है अपने कंधे पर
अरे हां मेरे अपने तो कब्र खोद रहे है
-
कहा था ना की एक दिन मुझे फरक पड़ना ही बंद हो जायेगा
वो दिन आ गया है आज़ाद हो तुम, अपना ख्याल रखना
-
चलो ये अच्छा हुआ
नींद ले गया वरना
तेरा ख़्याल..
मेरी जान भी ले सकता था
-
मुम्किन है मेरे किरदार में बहुत सी खामिया होंगी
पर शुकर है किसी के जज़्बात से खेलने का हुनर नहीं आया
-
मै वो क्यों बनू जो तुम्हे चाहिए
तुम्हे वो कबूल क्यों नहीं जो मै हूँ
-
हमसे रिश्ता बनाये रखना
हम वहाँ काम आते है
जहाँ सब साथ छोड़ जाते है
-
जहाँ जाना है जाओ,
तुमसे अब कोई रिश्ता थोड़ी है,
जिसके लिए मुझे छोड़ के गए हो
वो भी कोई फरिश्ता थोड़ी है
-
लोग कहते है भूल जाओ उसे
कितना आसान है न मशवरा देना
-
मुझे किसी के बदल जाने का कोई गम नहीं
बस कोई था जिससे ये उम्मीद नहीं थी
-
मशवरा तो खूब देते हो की खुश रहा करो
कभी खुश रहने की वजह भी दे दिया करो
👉 Gulzar Shayari Love in Hindi
दूरियां जब बढ़ी तो
गलतफहमियां भी बढ़ गई,
फिर उसने वो भी सुना
जो मैंने कहा ही नहीं
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मै सबका दिल रखता हूँ और
सुनो मै भी एक दिल रखता हूँ
-
मुझसे धोखा दिया नहीं जाता
मै साथ दुनिया के चलू कैसे
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दुसरो को इतनी जल्दी
माफ़ कर दिया करो
जितनी जल्दी आप
उपरवाले से अपने लिए
माफ़ी की उम्मीद रखते हो
-
छू न पाया मेरे अंदर की उदासी को कोई
मेरे चेहरे ने इतनी अच्छी अदाकारी की
-
चाहते है वो हर रोज़ एक नया चाहने वाला
ए खुदा मुझे हर रोज़ एक नई सूरत दे दे
-
“भरोसा नहीं है क्या मुझपे”
ये लाइन बोलकर पता नहीं
कितने लोग धोखा दे देते है
-
इतने जल्द ना सारे राज
बताया करो,
बात अगर लंबी करनी हो
तो कुछ राज छुपाया करो
-
दिल के मरीज़ हॉस्पिटल
से जयादा ऑनलाइन मिलते है
-
किसी को आसानी से मत मिल जाना
लोग रास्ता समझने लगते है
👉 Gulzar Shayari On Dosti
चुभता हूँ सबको
कोई छूरा तो नहीं हूँ
तुम बताते हो जितना
उतना बुरा तो नहीं हूँ
-
एक दिन शिकायत तुम्हें
वक्त से नहीं खुद से होगी,
कि जिंदगी सामने थी
और तुम दुनिया में उलझे रहे
-
रुतबा कम है मगर लाज़वाब है मेरा
जो हर किसी के दर पर दस्तक दे
वो किरदार नहीं मेरा
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रुतबा कम है मगर लाज़वाब है मेरा
जो हर किसी के दर पर दस्तक दे
वो किरदार नहीं मेरा
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हम अपनी इस अदा पर गुरुर करते है
किसी से प्यार हो या नफरत भरपूर करते है
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याद रखना दर्द भी वही देते है
जिन्हें हक दिया जाता है,
वरना गैर तो धक्का लगने पर भी
माफी माँग लिया करते है
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काश कोई हमें भी ऐसा चाहे
जैसे कोई तकलीफ में सुकून चाहता है
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जब अपने ही परिंदे किसी और के दाने के
आदि हो जाये तो इन्हे आज़ाद कर देना चाहिए
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फुरसत में याद करना हो तो मत करना
हम अकेले जरूर है मगर फ़िज़ूल नहीं
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ख़ुदा तूने तो लाखो की
तकदीर संवारी है,
मुझे दिलासा तो दे की
अब तेरी बारी हैं
👉 Gulzar Romantic Shayari
अब मुझे रास आ गया है अकेलापन
अब आप अपने वक़्त का अचार डाल दीजिये
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सोचता था दर्द की दौलत से एक मै ही मालामाल हूँ
देखा जो गौर से तो हर कोई रईस निकला
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तिनका सा मै और
समुंदर सा इश्क़
डूबने का डर और
डूबना ही इश्क़
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पूछा जो हमने किसी और
के होने लगे हो क्या,
वो मुस्कुरा कर बोले
पहले तुम्हारे थे क्या
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पलट कर जवाब देना
बेशक गलत बात है
लेकिन सुनते रहो तो लोग
बोलने की हदें भूल जाते है
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जो साथ रहकर भी साथ न हो
वो दूर ही रहे तो अच्छा है
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यहाँ हर किसी को दरारों में झाँकने की आदत है
दरवाज़े खोल दो कोई पूछने तक नहीं आएगा
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अगर किसी से बिछड़ने का डर
तुम्हें हर रोज़ रहने लगे तो
यकीन मानो कि उस इंसान को
तुम एक दिन खो ही दोगे
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मुझे तो तोफे में अपनों का वक़्त पसंद है
मगर आज कल इतने महंगे तोफे देता कौन है
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मै ही मनाऊ हमेशा तुझे कभी तू भी तो मना मुझे
महसूस तो करू कैसा लगता है जब यार अपना मनाता है
👉 Gulzar Quotes On Zindagi in Hindi
हालात दिखा देते है बातें सुनना और सहना
वरना हर शख्स अपने आप में बादशाह होता है
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तुम्हें मोहब्बत कहां थी
तुम्हें तो सिर्फ़ आदत थी
मोहब्बत होती तो हमारा
पल भर का बिछड़ना भी
तुम्हे सुकून से जीने नहीं देता।
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वैसे दुनिया में आते है सभी मरने के लिए
पर असल मौत उसकी है जिसका अफ़सोस ज़माना करे
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मुझे रिश्तो की लंबी कतारों से मतलब नहीं
कोई दिल से हो मेरा तो एक शख्स भी काफी है
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जाने वाले को जाने दीजिये
आज रुक भी गया तो
कल चला जायेगा
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माफ़ी चाहता हूँ
तेरा गुनहगार हू ऐ दिल,
तुझे उसके हवाले किया
जिसे तेरी क़दर नही थी
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ये तो दस्तूर है
जो जितने पास है
वो उतना ही दूर है
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हम चाय पीकर कुल्हड़ नहीं तोड़ पाते
दिल तो खैर बहुत दूर की बात है
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खुशियाँ चाहे किसी के साथ भी बाँट ले पर
अपने गम किसी भरोसेमंद के साथ ही बांटने चाहिए
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जो हमारे जज्बातो
की कद्र नही कर सकते,
उनके पीछे पागल होना
प्यार नहीं बेवकूफ़ी है
👉 Gulzar Shayari in Hindi 2 Lines On Life
इस दौर के लोगो में वफ़ा ढूंढ रहे हो
बड़े नादान हो साहब
ज़हर की शीशी में दवा ढूंढ रहे हो
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यही तो ज़माने का उसूल है
जरुरत हो तो खुदा
वरना बंदा फ़िज़ूल है
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बटुए को क्या मालूम पैसे उधार के है
वो तो बस फूला ही रहता है अपने गुमान में
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छोड़ दो ये बहाने
जो तुम करते हो,
हमें भी अच्छे से मालूम है
मज़बूरियाँ तभी आती हैं
ज़ब दिल भर गया हो
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बुरा वक़्त तो गुज़र ही जायेगा
बस वही लोग नहीं गुज़रते
जिनकी वजह से वो बुरा वक़्त आया है
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बड़ी मुददत से मिलता है
बड़ी शिददत से चाहने वाला
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कभी इसका दिल रखा कभी उसका दिल रखा
इस कशमकश में भूल गए खुद का दिल कहां रखा
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जिन्हें अपने प्यार की कदर होती है
वह उनके लिए वक्त निकाल ही लेते है
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फर्क था हम दोनों की मोहब्बत ने
मुझे उससे ही थी उसे मुझसे भी थी
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रिश्ते धीरे-धीरे खत्म होते है
लेकिन पता अचानक से चलता है
👉 Gulzar Sad Shayari in Hindi
जिंदगी जीने के लिए बनी थी
हमने सोचने में गुजार दी
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मैं ठहर गया वह गुजर गई
वह गुजर गई सब ठहर गया
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कुछ ऐसे हो गए है इस दौर के रिश्ते
आवाज तुम ना दो तो बोलते वह भी नही
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मजबूत होने में मजा ही तब है
जब सारी दुनिया कमजोर करने पर तुली हो
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आईना जब भी उठाया करो
पहले देखा करो फिर दिखाया करो
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मेरे किरदार को मेरे आज से ना जान
मैं जब पौधा था तब भी बरगद🌳 था
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रोए बगैर तो प्याज भी नही कटता
यह तो जिंदगी है जनाब ऐसे कैसे कट जाएगी
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पूरा दिन गुजर गया और आपने याद तक ना किया
मुझे नही पता था कि इश्क में भी इतवार होता है
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बाल सफेद करने में जिंदगी निकल जाती है
काले तो आधे घंटे में हो जाते है
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संभल कर खर्च करता हूं खुद को दिनभर
हर शाम आईना मुझसे हिसाब मांगता है
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